मंगलवार, 29 मई 2018

मेरा बेटा अब बड़ा हो गया ....

           

कभी मेरी ऊँगली पकड़के चलता था,
आज गर्लफ्रेंड का हाथ थामके चलता है।

कभी मेरे साथ दूध पीने का कम्पटीशन करता था,
आज यारो के साथ बियर पीने का करता है।

कभी पापा-पापा करता था,
आज डूड की भाषा पढता है ।

कभी अँधेरे से डरता था,
आज नाईट आऊट ही करता है ।

कभी एक टॉफी के लिए पूरी रात पढता था,
आज सिगरेट पीत-पीते बढ़ता है ।

कभी दस बजे सो जाया करता था,
आज दस बजे तो उठता है ।

कभी पॉकेट-मनी के लिए सोर्स लगाया करता था,
आज थानो में सिफारिश भरता है ।

कभी मेरे काँधे पे बैठकर सैर किया करता था,
आज मोटरसाइकिल - कारो पे रेस लगाया करता है ।

कभी रोज सुबह पूजा किया करता था,
आज इसे काम फ़ालतू का समझता है ।

कभी बड़ो के पैर छूके नमस्ते किया करता था,
आज बस Hi-Hello ही करता है ।

कैसा ये दौर आया, कैसा ये समय हो गया ,
मेरा बेटा अब बड़ा हो गया
मेरा बेटा अब बड़ा हो गया ....


Note- एक पिता का दर्द पिता बनने के बाद ही पता चल सकता है।

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